सिनेमा एवं मनोरंजन >> बाईस गज की दुनिया बाईस गज की दुनियासूर्य प्रकाश चतुर्वेदी
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
कदमों से नापें तो जिस पिच पर क्रिकेट खेली जाती है वह बाईस गज की होती है ! क्रिकेट को जीवन से जुड़ा खेल भी माना जाता है ! जीवन जितना दांव-पेंच या उतार-चढ़ाव से भरा-पूरा होता है उतना ही अस्थिर व् रोमांचक खेल क्रिकेट होता है ! जिस क्रिकेट को जीवन की तरह देखा जाता है उसी से जीवन को खलने की प्रेरणा भी मिलती है ! खेल के स्मरण भी अपने जीवन को गढ़ते हैं ! इसलिए ‘बाईस गज की दुनिया’ का यह स्मृति-संग्रह है ! लेखक के अकादमिक सरोकारों के अलावा जो स्मृतियाँ उनने इस पुस्तक में संजोई हैं उनसे ही लेखक का संसार बना है !
लेखक इंदौर के एक महाविद्यालय में अंग्रेजी भाषा और साहित्य पढ़ाते हुए क्रिकेट-प्रेमी बने ! इस स्मृति-संग्रह में इंदौर आए या इंदौर की क्रिकेट के प्रभुत्व खिलाडी, सफल खेल प्रशासक और साथी पत्रकारों का उनके जीवन आनंद में आए योगदान को भावनात्मक ललक से प्रस्तुत किया है ! आखिर क्रिकेट-प्रेम ही उनके शिक्षक पेशे पर भारी पड़ा है ! एक समय देश और इंदौर की क्रिकेट के महानायकों के जीवन की बारीकियों को उकेरने वाली यह पुस्तक रोचकपूर्ण है !
पुस्तक उस समय के इंदौर की, और देश की क्रिकेट की स्थिति व् स्मृति को आज की बियाबानी दौड़ में सार्थकता प्रदान करती है ! क्योंकि अतीत से ही भविष्य का वर्तमान साफ़ होता है और समझ आता है ! पुस्तक पढेंगे तो जानेंगे !
लेखक इंदौर के एक महाविद्यालय में अंग्रेजी भाषा और साहित्य पढ़ाते हुए क्रिकेट-प्रेमी बने ! इस स्मृति-संग्रह में इंदौर आए या इंदौर की क्रिकेट के प्रभुत्व खिलाडी, सफल खेल प्रशासक और साथी पत्रकारों का उनके जीवन आनंद में आए योगदान को भावनात्मक ललक से प्रस्तुत किया है ! आखिर क्रिकेट-प्रेम ही उनके शिक्षक पेशे पर भारी पड़ा है ! एक समय देश और इंदौर की क्रिकेट के महानायकों के जीवन की बारीकियों को उकेरने वाली यह पुस्तक रोचकपूर्ण है !
पुस्तक उस समय के इंदौर की, और देश की क्रिकेट की स्थिति व् स्मृति को आज की बियाबानी दौड़ में सार्थकता प्रदान करती है ! क्योंकि अतीत से ही भविष्य का वर्तमान साफ़ होता है और समझ आता है ! पुस्तक पढेंगे तो जानेंगे !
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